शायरी मेरी कलम से--अश्विनी रमेश
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Monday, December 19, 2011
महफिले शायरी: *****फासले तो प्यार की यादें भुला देते हैं******----गज़ल ~ हिमधारा
महफिले शायरी: *****फासले तो प्यार की यादें भुला देते हैं******----गज़ल ~ हिमधारा
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